गुरुग्राम में हर साल मानसून के दौरान जलभराव की समस्या एक आम चुनौती बनकर सामने आती है। लेकिन इस बार नगर निगम गुरुग्राम (MCG) ने समय रहते इससे निपटने की ठोस तैयारी कर ली है। नगर निगम आयुक्त प्रदीप दहिया ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि इस बार मानसून से पहले ही जलभराव संभावित 153 स्थानों की पहचान कर ली गई है और इन सभी स्थानों पर समाधान संबंधी कार्य शुरू कर दिए गए हैं।

जलभराव की रोकथाम के लिए व्यापक रणनीति
निगमायुक्त दहिया ने जानकारी दी कि जिन स्थानों पर पूर्व वर्षों में जलभराव हुआ था, उन सभी का डाटा विभिन्न स्रोतों से इकट्ठा किया गया है। इसमें मीडिया रिपोर्ट, पुलिस रिकॉर्ड, जीएमडीए, जन प्रतिनिधियों और आम नागरिकों से प्राप्त फीडबैक को शामिल किया गया है। इन आंकड़ों का गहन विश्लेषण कर 153 संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया गया है।
इन सभी स्थानों को डिजिटल मैप पर भी मार्क किया गया है, ताकि निगरानी और समाधान कार्य में पारदर्शिता बनी रहे।
जिम्मेदारियां तय, फील्ड पर टीमें सक्रिय
हर चिन्हित स्थान पर कनिष्ठ अभियंताओं (Junior Engineers) की जिम्मेदारी तय की गई है। इनके साथ सफाई कर्मचारी और सीवर से जुड़े स्टाफ की टीमें बनाई गई हैं, जो बरसात से पहले ही जल निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटी हैं।
इसके अलावा, नगर निगम के कॉल सेंटर में 20 अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति की गई है जो कनिष्ठ अभियंताओं से नियमित रूप से फीडबैक ले रहे हैं। नागरिक भी कॉल सेंटर पर जलभराव से संबंधित सुझाव और शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
वरिष्ठ अधिकारी करेंगे स्थल निरीक्षण
संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर निरीक्षण कर रहे हैं। अतिरिक्त निगमायुक्त यश जालुका भी 21 मई से जलभराव संभावित सभी स्थलों का व्यक्तिगत दौरा करेंगे, ताकि कोई चूक न हो और व्यवस्थाएं समय रहते पूरी कर ली जाएं।