मानेसर के जमालपुर गांव निवासी मनोज यादव साइबर ठगों का शिकार बन गए, जिन्होंने उन्हें ऑनलाइन पार्ट-टाइम जॉब का लालच देकर 10,86,617 रुपये की ठगी की। ठगों ने टेलीग्राम और फर्जी वेबसाइट के जरिए मनोज को अपने जाल में फंसाया और टास्क पूरा करने के नाम पर बार-बार रुपये जमा करवाए। मानेसर साइबर थाने में दर्ज शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
मनोज यादव ने अपनी शिकायत में बताया कि 12 अप्रैल 2025 को रितिका मिस्त्री नाम की एक युवती ने उन्हें व्हाट्सएप पर पार्ट-टाइम जॉब का ऑफर दिया। ऑफर स्वीकार करने के बाद टेलीग्राम पर स्नेहा भिंताडे नाम की एजेंट ने उनसे संपर्क किया और के. रेहजा कॉरपोरेशन की वेबसाइट पर लॉगिन करवाया। इस प्लेटफॉर्म पर रिचार्ज करने के बदले 20 प्रमोशनल टास्क के तीन सेट दिए गए, जिनमें प्रॉपर्टी और जमीन का ऑनलाइन प्रचार करना था।

लालच और ठगी का सिलसिला
पहला निवेश: 16 अप्रैल को ज्यादा कमाई का लालच देकर 30,000 रुपये जमा करवाए गए।
एक्सक्लूसिव बोनस: इसके बाद 66,629 रुपये और फिर 1,57,099 रुपये एक्सक्लूसिव बोनस के नाम पर जमा करवाए गए।
मिस्ट्री बॉक्स: एक टास्क पूरा करने पर मिस्ट्री बॉक्स खुला, जिसके लिए 4,61,037 रुपये जमा करने को कहा गया। मनोज ने दो दिन में यह राशि जमा की।
क्रेडिट स्कोर का बहाना: कस्टमर सर्विस ने दावा किया कि देरी के कारण मनोज का क्रेडिट स्कोर 100 से 85 हो गया, जिसके चलते पैसे निकाले नहीं जा सकते। इसके लिए 3,80,618 रुपये क्रेडिट स्कोर खरीदने के लिए मांगे गए।
सिक्योरिटी डिपॉजिट: रुपये जमा करने के बाद भी निकासी के लिए 6,66,081 रुपये सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में मांगे गए। एजेंट नितिन कांबले ने भरोसा दिलाकर 30,000 रुपये और जमा करवाए, लेकिन फिर 2,66,000 रुपये की मांग की गई, जिसे मनोज ने देने से इनकार कर दिया।
कुल ठगी: 10,86,617 रुपये
इस तरह, ठगों ने विभिन्न बहानों से मनोज से कुल 10,86,617 रुपये जमा करवाए। बार-बार रुपये जमा करने के बावजूद न तो पैसे निकाले जा सके और न ही कोई रिटर्न मिला। ठगों ने टेलीग्राम के जरिए फर्जी कस्टमर सर्विस और एजेंट्स की मदद से मनोज को झांसे में रखा।
पुलिस जांच शुरू
मनोज ने तत्काल मानेसर साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई और ठगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। साइबर पुलिस ने टेलीग्राम आईडी, जीएसटी नंबर, बैंक खातों और अन्य जानकारी के आधार पर ठगों का पता लगाने की प्रक्रिया शुरू की है। पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने और अनजान लिंक या ऑफर पर भरोसा न करने की अपील की है।
साइबर ठगी से बचाव के लिए सुझाव
अनजान नंबर से आए मैसेज या कॉल पर भरोसा न करें।
ऑनलाइन जॉब ऑफर की पूरी जांच करें और कंपनी की वैधता सत्यापित करें।
किसी भी लिंक पर क्लिक करने या पैसे जमा करने से पहले सावधानी बरतें।
साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करें या नजदीकी साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराएं।
मानेसर पुलिस इस मामले में तेजी से कार्रवाई कर रही है, और उम्मीद है कि जल्द ही ठगों को पकड़ा जाएगा।