गुरुग्राम के पॉश इलाकों में से एक DLF फेज़ 3 की सड़कों के पीछे छुपे दो अवैध क्लिनिकों पर स्वास्थ्य विभाग ने छापा मारकर एक बड़े मेडिकल अपराध का भंडाफोड़ किया है। ये क्लिनिक गर्भवती महिलाओं को बिना किसी मेडिकल जांच या परामर्श के सिर्फ 1000 रुपये में गर्भपात की दवाएं (MTP किट्स) बेच रहे थे।

ऑपरेशन का पर्दा उठा एक गुप्त शिकायत से
स्वास्थ्य विभाग को एक गुप्त शिकायत मिली थी कि नाथुपुर रोड पर स्थित दो क्लिनिक — Bengali Clinic और Navjeevan Clinic — में अवैध तरीके से गर्भपात की दवाएं बेची जा रही हैं। इस शिकायत की पुष्टि के लिए विभाग ने एक 9 हफ्ते की गर्भवती महिला को डिकॉय ग्राहक बनाकर इन क्लिनिकों में भेजा।
जांच में सामने आया कि दोनों क्लिनिक बिना किसी लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन या महिला की मेडिकल हिस्ट्री जांचे, सीधे उसे MTP किट थमा देते हैं — वो भी बिना पर्ची, बिना सलाह, और बिना किसी डॉक्टर की निगरानी के।
फर्जी डॉक्टरों का खेल
इन क्लिनिकों का संचालन कर रहे थे परेश नुनिया और सैलेस सरकार, जो खुद को डॉक्टर बताकर इलाज कर रहे थे। जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रेड की, तब दोनों ने नकली मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाए। मगर सच्चाई सामने आने में देर नहीं लगी — ना तो वे डॉक्टर थे, ना ही उनके क्लिनिक पंजीकृत थे।इस तरह के झोलाछाप डॉक्टर आम लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।

गर्भपात की दवाएं: एक गंभीर विषय
गर्भपात की दवाएं (MTP kits) मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (MTP) एक्ट के तहत आती हैं और इन्हें केवल:
प्रमाणित स्त्रीरोग विशेषज्ञ द्वारा,
मेडिकल सुपरविजन में,
सीमित परिस्थितियों में,
अधिकृत संस्थान में ही दिया जा सकता है।
बिना विशेषज्ञ की निगरानी में ली गई ये दवाएं:
भारी रक्तस्राव,
इंफेक्शन,
इनफर्टिलिटी या
यहां तक कि महिला की जान भी ले सकती हैं।
कानूनी कार्रवाई: फर्जीवाड़ा करने वालों पर शिकंजा
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दोनों आरोपियों को मौके से गिरफ्तार कर MTP Act, Drugs and Cosmetics Act, और IPC की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही, दोनों क्लिनिकों को सील कर आगे की जांच शुरू हो गई है।