मिलेनियम सिटी गुरुग्राम में स्वच्छता व्यवस्था की पोल अब सार्वजनिक शौचालय खोलकर सामने आ रही है। शहर में नगर निगम के अधीन मौजूद 110 सार्वजनिक शौचालयों में से 90 से अधिक की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। गंदगी, बदबू और पानी की कमी से लोग परेशान हैं, वहीं नगर निगम गुरुग्राम (MCG) पर शिकायतों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।

स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि निगम को अब इन शौचालयों के रखरखाव में लगी निजी एजेंसियों पर कार्रवाई की तैयारी करनी पड़ी है। पांच निजी एजेंसियों को दिए गए टेंडर रद्द किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, साथ ही इन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
अब नए और आधुनिक मॉडल से होगा शौचालयों का संचालन
नगर निगम गुरुग्राम ने शौचालयों के संचालन और रखरखाव को बेहतर बनाने के लिए नई और सख्त शर्तों के साथ आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी कर दी है। इस बार निगम ने प्रयोग के तौर पर देश के सफल स्वच्छ शहरों के मॉडल को अपनाने का निर्णय लिया है।
इसके तहत कोलकाता, पुडुचेरी और सूरत जैसे शहरों से शौचालय प्रबंधन की आरएफपी मंगवाई गई है। कोलकाता देश में आधुनिक और बेहतर सार्वजनिक शौचालयों के लिए जाना जाता है, जबकि सूरत लगातार देश के सबसे साफ शहरों में शामिल रहा है। इन्हीं मॉडलों के आधार पर गुरुग्राम के सभी 110 शौचालयों को नए स्वरूप में विकसित किया जाएगा।
बाजार और बस स्टैंड के शौचालय बन रहे बीमारी का कारण
शहर के बाजारों, बस स्टैंडों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में स्थित शौचालयों की हालत सबसे ज्यादा खराब है।
- लगातार गंदगी
- पानी की सप्लाई बाधित
- आसपास बदबू का माहौल
- मच्छर और संक्रमण का खतरा
इन हालातों की वजह से लोगों को मजबूरन खुले में शौच जाना पड़ रहा है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है।
स्वच्छता रैंकिंग सुधारना निगम की प्राथमिकता
नगर निगम का मानना है कि यदि सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति सुधरती है, तो गुरुग्राम की स्वच्छता रैंकिंग में भी बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। नई एजेंसियों को आधुनिक तकनीक, डिजिटल मॉनिटरिंग और नियमित सफाई की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
नगर निगम अधिकारी का बयान
गुरुग्राम में सार्वजनिक शौचालयों को आधुनिक मॉडल पर तैयार किया जाएगा। इसके लिए देश के स्वच्छ शहरों से आरएफपी मंगाई गई है और उसी आधार पर नई एजेंसियों का चयन होगा।
— सुंदर श्योराण, कार्यकारी अभियंता, नगर निगम गुरुग्राम
