साइबर सिटी गुरुग्राम में नगर निगम द्वारा संचालित 16 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों पर हर महीने हो रहे 1.15 करोड़ रुपये से अधिक के खर्च की जांच शुरू हो गई है। नगर निगम द्वारा गठित विशेष जांच कमेटी 25 मई तक इन मशीनों के संचालन, सफाई की गुणवत्ता, और खर्च की पूरी रिपोर्ट तैयार करेगी।

भारी खर्च, कम असर?
वर्ष 2020 में निगम को मिली थीं 16 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें, जिन्हें वीएन इंजीनियरिंग एजेंसी द्वारा संचालित किया जा रहा है। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये मशीनें वाकई में सड़कों की सफाई कर रही हैं?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन मशीनों पर हर दिन लगभग 1.5 लाख रुपये का डीजल खर्च होता है, जो महीने भर में करीब 45 लाख रुपये हो जाता है। इसके अतिरिक्त मशीन संचालन और रखरखाव के लिए एजेंसी को हर मशीन पर लगभग ₹4.7 लाख प्रति माह दिए जा रहे हैं। कुल मिलाकर निगम का खर्च ₹1.15 करोड़ प्रतिमाह से अधिक हो गया है।
ज़मीन पर हालात चिंताजनक
स्थानीय लोगों का कहना है कि मशीनें न तो ठीक से सफाई कर रही हैं, न ही सफाई के समय पानी का छिड़काव किया जा रहा है, जिससे धूल का प्रदूषण और बढ़ रहा है। साथ ही, उठाई गई मिट्टी को निगम के वसई स्थित मलबा प्लांट पर नहीं पहुंचाया जा रहा।
जर्जर सड़कों पर नहीं चल पा रहीं मशीनें
गुरुग्राम की कई प्रमुख सड़कें जैसे ओल्ड रेलवे रोड, न्यू रेलवे रोड, बसई रोड, पटौदी रोड और गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड जर्जर स्थिति में हैं। इन सड़कों पर मशीनों का ब्रश काम नहीं कर पा रहा, जिससे सफाई कार्य प्रभावी नहीं हो पा रहा।