अरावली की पहाड़ियों पर कब्जा कर बनाए गए अवैध फार्म हाउस अब वन विभाग के रडार पर हैं। विभाग ने ऐसे 100 से ज्यादा फार्म हाउस मालिकों को नोटिस जारी किए हैं, जिन्होंने अरावली की संरक्षित वन भूमि पर कब्जा कर रखा है। नोटिस में साफ कहा गया है कि एक सप्ताह के भीतर अतिक्रमण हटाया जाए, वरना जेसीबी चलाकर ज़मीन को खाली कराया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, अरावली से सटे गांवों में भी वन विभाग की ज़मीन पर अतिक्रमण हुआ है। वहां भी अवैध कब्जाधारियों को नोटिस भेज दिए गए हैं। कार्रवाई न होने की सूरत में जल्द ही इन पर भी बुलडोजर चल सकता है।
पांच साल पहले भी हुई थी कार्रवाई, फिर ढीली पड़ी निगरानी
2019 में नगर निगम और वन विभाग ने मिलकर अरावली क्षेत्र में करीब 20 से ज्यादा फार्म हाउसों को गिराया था, लेकिन इसके बाद विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। नतीजा ये हुआ कि अतिक्रमण और निर्माण फिर से शुरू हो गया, और अब फार्म हाउसों की संख्या सैकड़ों में पहुंच गई है।
वन विभाग की सख्त चेतावनी
वन विभाग के अनुसार, अब अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग ने साफ किया है कि जो भी सरकारी वनों की जमीन पर कब्जा करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अतिक्रमण हटाने के बाद फार्म हाउस संचालकों से जुर्माना भी वसूला जा सकता है।
अरावली बचाओ की मांग तेज
स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ता लंबे समय से अरावली क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इन अवैध फार्म हाउसों से न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि भूजल स्तर भी प्रभावित हो रहा है।