बसई रोड एक बार फिर दो स्थानों से धंस गया है। यह पिछले कुछ वर्षों में पांचवीं बार है जब इस क्षेत्र में सीवर लाइन के लीक होने के कारण सड़क धंस गई है। इस बार फिर दो जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए, जिससे ट्रैफिक को डायवर्ट करना पड़ा और लोगों को भारी असुविधा झेलनी पड़ी।
खतरे की घंटी लगातार बज रही है
पिछले साल अगस्त में भी ऐसा ही हादसा हुआ था जब एक ट्रक धंसी हुई सड़क में फंस गया था। एक बार एक बाइक सवार भी बाल-बाल बचा जब सड़क के गड्ढे में उसकी बाइक गिर गई थी। इसके बावजूद अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया है।

निगम और जीएमडीए में जिम्मेदारी बंटी हुई
नगर निगम के चीफ इंजीनियर विजय ढाका ने बताया कि “सड़क के नीचे की सीवर लाइन नगर निगम के अधीन है, जबकि बसई रोड का मेंटेनेंस जीएमडीए (Gurugram Metropolitan Development Authority) के अधीन आता है।” मरम्मत कार्य फिलहाल जारी है लेकिन अस्थायी पैचवर्क से समस्या बार-बार लौट रही है।
मानसून बना मुसीबत का सीजन
मानसून के समय सीवर ओवरफ्लो और जलभराव की वजह से सड़कें कमजोर हो जाती हैं। खासकर पुराने गुरुग्राम में 20 साल से ज्यादा पुरानी सीवर लाइनें अब खतरे का संकेत बन चुकी हैं। बसई रोड इसका ताजा उदाहरण है।
स्थायी समाधान की पहल शुरू
नगर निगम ने अब पूरे पुराने गुरुग्राम क्षेत्र की सीवर लाइन का सर्वे शुरू किया है। राजेन्द्रा पार्क और विष्णु गार्डन जैसे इलाकों में नई पाइपलाइन बिछाने का कार्य तेजी से चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस समस्या का स्थायी समाधान किया जाएगा।
