द्वारका एक्सप्रेसवे के सेक्टर-36 स्थित एवीएल 36 सोसाइटी के पास गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) द्वारा बिछाई गई पानी की पाइपलाइन ने एक्सप्रेसवे को नुकसान पहुंचाया है। यह आरोप भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने लगाया है।

NHAI की ओर से जारी पत्र के अनुसार, GMDA ने बिना मंजूरी 2000 mm क्षमता की पेयजल पाइपलाइन एक्सप्रेसवे के नीचे से डाल दी। इससे करीब 20 मीटर दायरे में कुल 16 स्थानों पर एक्सप्रेसवे को नुकसान हुआ है।
NHAI का GMDA को पत्र – “वाहन चालकों की सुरक्षा खतरे में”
20 नवंबर को NHAI प्रोजेक्ट अधिकारी आकाश पाधी के कार्यालय से मैनेजर टेक्निकल पीयूष अग्रवाल ने GMDA को पत्र लिखा।
पत्र में कहा गया है—
- GMDA ने बिना अनुमति पाइपलाइन डाली
- GPR (Ground Penetrating Radar) सर्वे में 16 जगहों पर एक्सप्रेसवे की क्षति मिली
- L&T (एक्सप्रेसवे निर्माण कंपनी) ने नुकसान की पुष्टि की
- दुर्घटना होने पर पूरी जिम्मेदारी GMDA की होगी
- मरम्मत पूरी होने तक 24 घंटे निगरानी ड्यूटी लगाने को कहा गया
एक्सप्रेसवे से रोजाना करीब 1 लाख वाहन गुजरते हैं, ऐसे में इसे गंभीर सुरक्षा मुद्दा माना जा रहा है।
मानकों का उल्लंघन – मशीनों से पाइप धकेली गई
NHAI अधिकारियों के अनुसार GMDA को पाइपलाइन डालने के लिए एक टनल बनानी चाहिए थी। टनलिंग न करके, पाइप को मशीनों से धक्का देकर एक्सप्रेसवे के नीचे खिसकाया गया, जिससे सड़क की स्थिरता प्रभावित हुई।
गौरतलब है कि पहले भी इसी स्थान पर एक्सप्रेसवे पर बड़ा गड्ढा बन चुका है।
GMDA का दावा – “16 में से सिर्फ 4 नुकसान पाइपलाइन के कारण”
GMDA के कार्यकारी अभियंता अभिनव वर्मा ने बताया:
- GPR सर्वे में 16 जगह नुकसान दर्ज
- इनमें से 12 स्थान पाइपलाइन से दूर, यानी पहले से मौजूद क्षति
- पाइपलाइन के पास मौजूद 4 नुकसान सुधार दिए गए
- शेष क्षति पुरानी है और GMDA की वजह से नहीं
क्यों जरूरी है यह पाइपलाइन?
GMDA सेक्टर-68 से सेक्टर-80 के बीच पानी सप्लाई के लिए यह प्रोजेक्ट चला रहा है।
- चंदू बुढेड़ा जल शोधन संयंत्र से पाइपलाइन निकाली जा रही
- 98% काम पूरा
- पाइपलाइन सेक्टर-72 स्थित बूस्टिंग स्टेशन तक पानी पहुंचाएगी
- 23 सेक्टर अभी भी भूजल पर निर्भर – गर्मियों में गंभीर समस्या
पहले भी हटाई गई थी GMDA की पुरानी पाइपलाइन
जब NHAI ने CPR क्षेत्र को द्वारका एक्सप्रेसवे में शामिल किया था, तब यहां मौजूद GMDA की पुरानी पाइपलाइन हटाई गई थी।
अब नए सेक्टरों में पानी पहुंचाने के लिए GMDA के पास यही एकमात्र विकल्प बचा था।
2 नवंबर को बना था बड़ा गड्ढा, फिर हुआ GPR सर्वे
2 नवंबर को AVL 36 सोसाइटी के पास एक्सप्रेसवे पर बड़ा गड्ढा बन गया था।NHAI ने फिर GPR सर्वे कराया, जिसमें सड़क के नीचे कई कमजोर जगहें मिलीं।
GMDA ने प्रोजेक्ट के लिए अनुमति मांगी है, लेकिन अभी मंजूरी नहीं मिली है।
