सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर जरूरतमंदों से मोटा कमीशन वसूलने वाले गिरोह का गुरुग्राम पुलिस ने पर्दाफाश किया है। इस मामले में दो आरोपियों – विकास और महेंद्र कुमार – को गिरफ्तार किया गया है, जो पीड़ितों से 30% तक की रकम एडवांस में मांगते थे।

पीड़िता से मांगी 1.5 लाख की रिश्वत
मामला उस समय उजागर हुआ जब एक महिला, जिसके पति की मृत्यु के बाद दीनदयाल उपाध्याय स्कीम के तहत ₹5 लाख की सहायता राशि स्वीकृत हुई थी, से आरोपियों ने ₹1.5 लाख की मांग की। महिला के देवर ने बिलासपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। आरोपियों ने पीड़ित से पटौदी में मुलाकात की और कार में बैठाकर जल्द मुआवजा दिलाने के बदले मोटी रकम की मांग की। पीड़िता ने सूझबूझ दिखाते हुए तुरंत पुलिस को सूचित किया। इसके बाद बिलासपुर पुलिस ने एक्शन लेते हुए दोनों को धर दबोचा।
आरोपी पहले भी कर चुके हैं वारदातें
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इस प्रकार है
- विकास (32): निवासी – हिंगवाहेङा, जिला खैरथल (राजस्थान)
- महेंद्र कुमार (48): निवासी – वार्ड नंबर 3, हेली मंडी, गुरुग्राम
पुलिस ने इनके कब्जे से तीन मोबाइल फोन और एक मारुति ब्रेज़ा कार भी बरामद की है। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अब तक ऐसी 15 वारदातों को अंजाम देने की बात स्वीकार की है।
CSC सेंटरों से निकालते थे डाटा
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह गिरोह CSC (Common Service Center) से उन लाभार्थियों की लिस्ट निकालता था, जिनका मुआवजा किसी तकनीकी या दस्तावेजी कारण से अटका होता था। फिर उन्हें कॉल कर लालच और दबाव के जरिए मोटा कमीशन वसूलते थे।
आरोपियों का आपराधिक इतिहास
- विकास पर पहले से रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में चोरी और एटीएम फ्रॉड के कुल 6 मामले दर्ज हैं।
- महेंद्र पटौदी में एक पैथोलॉजी लैब चलाता है।
- विकास एक आरओ (RO) कंपनी के प्रचार का काम करता है।
पुलिस रिमांड पर आरोपी
फिलहाल दोनों आरोपियों को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस इनके अन्य साथियों की तलाश कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश में है कि इस गिरोह के तार कहां-कहां तक फैले हैं।
गुरुग्राम पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि कोई भी सरकारी योजना से संबंधित कार्य केवल अधिकृत माध्यमों से ही करें और किसी भी अनधिकृत व्यक्ति से पैसे की मांग की स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचित करें।