गुरुग्राम में अब रजिस्ट्री होगी बिना कागज़ के! जानें कैसे…

गुरुग्राम में संपत्ति रजिस्ट्री और भूमि संबंधी प्रक्रियाओं को अब और आसान बना दिया गया है। राजस्व विभाग ने पेपरलेस रजिस्ट्री, पेपरलेस निशानदेही, वॉट्सऐप चैटबोट और राजस्व न्यायालय निगरानी प्रणाली जैसी नई डिजिटल सेवाओं की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम लघु सचिवालय में आयोजित हुआ, जिसमें केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

डिजिटल सेवाओं से मिलेगी पारदर्शिता और सुविधा

मंत्री ने बताया कि यह पहल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली आधुनिक हुई है, बल्कि आम नागरिकों को भी त्वरित और सुगम सेवाएं मिलेंगी।

उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया पहल के तहत यह प्रयास सरकार की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य तकनीक के माध्यम से प्रशासन को अधिक जन-केंद्रित बनाना है।

नई डिजिटल पहलें
1. पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली

अब संपत्ति रजिस्ट्री पूरी तरह डिजिटल होगी। कागजी दस्तावेजों की जरूरत खत्म हो जाएगी। नागरिक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे और अपनी रजिस्ट्री की स्थिति की जानकारी भी आसानी से प्राप्त कर पाएंगे। इससे समय और संसाधनों की बचत के साथ प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और सुरक्षित बनेगी।

2. पेपरलेस निशानदेही

भूमि की निशानदेही (डिमार्केशन) के लिए अब कागजात ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी। डिजिटल मैपिंग और जीआईएस तकनीक से यह प्रक्रिया तेज और सटीक हो गई है। इससे किसानों को अपनी जमीन की सही स्थिति जानने में आसानी होगी और भूमि विवादों में भी कमी आएगी।

3. वॉट्सऐप चैटबोट

नागरिकों की सुविधा के लिए राजस्व विभाग ने 24×7 उपलब्ध एक वॉट्सऐप चैटबोट लॉन्च किया है। इसके जरिए लोग जमीन रिकॉर्ड, रजिस्ट्री की स्थिति और अन्य राजस्व सेवाओं से जुड़ी जानकारी तुरंत प्राप्त कर सकेंगे। यह सुविधा खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों के लिए उपयोगी होगी।

4. ऑटोमेटिक निगरानी प्रणाली

राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों की निगरानी के लिए ऑनलाइन डैशबोर्ड तैयार किया गया है। इससे पक्षकार अपने केस की स्थिति तुरंत देख पाएंगे। इस प्रणाली से न्यायिक कार्यवाही में पारदर्शिता बढ़ेगी और मामलों का निपटारा तेजी से होगा।

गुरुग्राम बनेगा मॉडल जिला

राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि गुरुग्राम जिला इन डिजिटल पहलों को लागू करने में अग्रणी रहा है और यह अन्य जिलों के लिए एक मॉडल बन सकता है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे इन डिजिटल सेवाओं का अधिक से अधिक उपयोग करें और किसी भी समस्या के लिए जिला प्रशासन से संपर्क करें।

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