गुरुग्राम में बजे आपदा के सायरन…आखिर ऐसा क्यों हुआ?

आपदा प्रबंधन को सशक्त बनाने के लिए गुरुग्राम जिला प्रशासन ने शुक्रवार सुबह 9 से 12 बजे तक शहर के पांच स्थानों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया।इस मॉक ड्रिल का नाम ‘सुरक्षा चक्र’रखा गया. इस अभ्यास की खास बात यह रही कि इसमें ड्रोन और सैटेलाइट फोन का पहली बार उपयोग किया गया।

परंपरागत मोबाइल और लैंडलाइन नेटवर्क को दरकिनार कर, संचार केवल सैटेलाइट फोन के माध्यम से किया गया, ताकि असली आपात स्थिति में नेटवर्क फेलियर की स्थिति से निपटा जा सके।

इस दौरान ताऊ देवीलाल स्टेडियम को स्टेजिंग एरिया के रूप में चयनित किया गया, जहां से सभी टीमें, संसाधन और वाहन प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना हुए। स्टेडियम के पास ही एक अस्थायी कंट्रोल सेंटर भी बनाया गया, जहां से पूरे अभ्यास पर नजर रखी गई।

थीम रही ‘भूकंप और केमिकल रिसाव’
सीटीएम सपना यादव ने बताया कि इस बार मॉक ड्रिल की थीम ‘भूकंप और केमिकल रिसाव’ रखी गई थी। चार जगहों पर भूकंप के हालातों से निपटने की तैयारी की गई जबकि एक स्थान पर केमिकल रिसाव की मॉक ड्रिल की गई।

यह अभ्यास विभागीय तालमेल को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि किसी आपदा के समय सभी टीमें समय पर और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया दे सकें।

कौन-कौन रहा शामिल?
इस मॉक ड्रिल में NDRF, ITBP, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, फायर ब्रिगेड, सिविल डिफेंस और आपदा मित्र की टीमें शामिल रही।
साइटों की निगरानी के लिए पूर्व सेना अधिकारियों को ऑब्जर्वर के रूप में तैनात किया गया था।

मॉक ड्रिल के बाद पांचों साइट्स से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रिपोर्ट केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को भेजी गई।

वरिष्ठ अधिकारी भी रहे मौजूद
मॉक ड्रिल से पहले सीटीएम सपना यादव ने अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी की।इसमें SDM परमजीत चहल, मानेसर के एसडीएम दर्शन यादव, सोहना के एसडीएम अखिलेश, जिला राजस्व अधिकारी विजय यादव, डिप्टी कंट्रोलर सृष्टि, चीफ वार्डन मोहित शर्मा और जिला आपदा प्रबंधन की प्रोजेक्ट ऑफिसर पूनम समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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