गुरुग्राम अब सिर्फ एक हाईटेक और कॉर्पोरेट शहर नहीं रहेगा, बल्कि जल्द ही यहां एशिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी भी विकसित होने जा रही है। इसी परियोजना की रूपरेखा समझने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने गुजरात के जामनगर में स्थित विश्व प्रसिद्ध वनतारा जंगल सफारी का दौरा किया।

वनतारा सफारी से ली जाएंगी सीख
जंगल सफारी का निरीक्षण करने के बाद केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा:
“अंबानी परिवार ने जिस तरह से वन्यजीवों के संरक्षण और पुनर्वास का यह अनूठा मॉडल खड़ा किया है, वह पूरे देश के लिए मिसाल है। गुरुग्राम में भी हम इसी तरह की अत्याधुनिक, पर्यावरण अनुकूल और शिक्षाप्रद जंगल सफारी विकसित करना चाहते हैं।”
उन्होंने बताया कि इस विज़िट का उद्देश्य यह समझना है कि गुरुग्राम में प्रस्तावित जंगल सफारी के लिए कौन-कौन सी तकनीकें, संसाधन और प्रबंधन प्रणालियाँ आवश्यक होंगी।
गुरुग्राम में जंगल सफारी: पर्यटन और संरक्षण का संगम
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि:
“हमारी योजना है कि गुरुग्राम में बनने वाली जंगल सफारी एशिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी हो। यह केवल पर्यटन का केंद्र नहीं, बल्कि वन्यजीवों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवासों के पुनर्जीवन का एक वैश्विक उदाहरण बने।”

10,000 एकड़ में फैलेगी जंगल सफारी, दो साल में पहला चरण पूरा करने का लक्ष्य
हरियाणा सरकार की यह महत्वाकांक्षी परियोजना गुरुग्राम और नूंह के अरावली क्षेत्र में फैले 10,000 एकड़ क्षेत्र में विकसित की जा रही है।
- गुरुग्राम के 6,000 एकड़
- नूंह के 4,000 एकड़ क्षेत्र शामिल होंगे।
इस परियोजना को 2025-26 के बजट में शामिल कर लिया गया है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। केंद्र सरकार और पर्यावरण मंत्रालय की साझेदारी में इसे वित्तीय सहयोग भी प्राप्त होगा। पहले चरण को अगले दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
पर्यावरण शिक्षा और रोजगार के नए अवसर
यह जंगल सफारी परियोजना न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार, पर्यावरण शिक्षा और जैव विविधता संरक्षण का भी बड़ा अवसर बनेगी।