शनिवार रात गोवा के एक नाइट क्लब में सिलेंडर फटने से हुई भीषण आगजनी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस दर्दनाक हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई। शुरुआती जांच में सामने आया है कि क्लब में फायर सेफ्टी के पर्याप्त इंतज़ाम नहीं थे। इस घटना के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि गुरुग्राम के नाइट क्लब कितने सुरक्षित हैं?

गुरुग्राम जो हरियाणा का सबसे पॉश और भीड़भाड़ वाला शहर माना जाता है, वहां बड़ी संख्या में नाइट क्लब संचालित हो रहे हैं। लेकिन हकीकत यह है कि इनमें से अधिकतर क्लब सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर चल रहे हैं।
बेसमेंट में चल रहे क्लब बन रहे मौत का जाल – सेक्टर 29 सबसे ज्यादा संवेदनशील
गुरुग्राम के सेक्टर-29 में कई नाइट क्लब और बार बेसमेंट में संचालित किए जा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार बेसमेंट में
- अग्निशमन व्यवस्था कमजोर होती है
- आपातकालीन निकास का अभाव रहता है
- हवा निकासी (Ventilation) बेहद खराब होती है
ऐसी स्थिति में अगर आग लग जाए तो दम घुटने और बाहर निकलने का रास्ता बंद होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
हरियाणा DGP का बड़ा आदेश – सभी नाइट क्लबों का होगा फायर सेफ्टी ऑडिट
गोवा हादसे के बाद हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी देते हुए कहा है कि:

- हरियाणा के सभी जिलों और जोन पुलिस को निर्देश दिए गए हैं
- अपने-अपने क्षेत्र के सभी नाइट क्लबों का फायर सेफ्टी ऑडिट कराया जाए
- क्लब संचालकों से यह गारंटी ली जाए कि उनकी जगह पूरी तरह फायर प्रूफ है
- पुलिस अपने SOP (Standard Operating Procedure) को अपडेट करे
- सिविल प्रशासन के साथ समन्वय कर यह सुनिश्चित किया जाए कि
- दमकल की गाड़ियां
- अस्पताल और मेडिकल सुविधाएं
पूरी तरह तैयार रहें
गोवा हादसे से सबक लेना जरूरी
गोवा की घटना में यह भी सामने आया कि आग लगने के बाद भी कई लोग क्लब के अंदर ही देर तक फंसे रहे, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ गई। यह दिखाता है कि सिर्फ इंतज़ाम ही नहीं, बल्कि जन-जागरूकता भी बेहद जरूरी है।
