नगर निगम गुरुग्राम ने शहर की सफाई व्यवस्था और कूड़ा प्रबंधन को लेकर बड़ा और अहम निर्णय लिया है। अब नगर निगम पार्षदों और सफाई ठेकेदारों को अपने-अपने वार्डों में कचरा उठाने वाली गाड़ियों की व्यवस्था करने और डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के कार्य में सीधे भागीदारी की अनुमति दी गई है।

इस फैसले का उद्देश्य शहर में जारी सफाई संकट से तुरंत राहत दिलाना और “स्वच्छ एवं हरित गुरुग्राम” अभियान को गति देना है। निगमायुक्त प्रदीप दहिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी पार्षदों की सहमति से यह निर्णय लिया गया।
अस्थायी व्यवस्था, स्थायी टेंडर का हिस्सा नहीं
नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि यह एक अस्थायी व्यवस्था है और इसे किसी भी प्रकार की स्थायी टेंडर प्रक्रिया या भविष्य की योजना का हिस्सा नहीं माना जाएगा। वर्तमान व्यवस्था केवल संकट से निपटने के लिए लागू की जा रही है।
वाहन दरें तय करने के लिए बनी समिति
नगर निगम ने सफाई वाहनों की दरें तय करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। अतिरिक्त आयुक्त रविंद्र यादव की अध्यक्षता में गठित इस समिति में संयुक्त आयुक्त, मुख्य लेखा अधिकारी और कार्यकारी अभियंता (स्वच्छ भारत मिशन) को शामिल किया गया है। यह समिति कचरा उठाने वाले वाहनों की दरें तय करने के साथ-साथ निगरानी प्रणाली और नियमों के अनुपालन पर दिशा-निर्देश जारी करेगी।

नागरिकों से सहयोग की अपील
नगर निगम ने आमजन से अपील की है कि वे इस व्यवस्था में सक्रिय सहयोग करें। जो भी व्यक्ति या संस्था इस व्यवस्था में वाहन देना चाहती है, वह नगर निगम कार्यालय, सेक्टर-34 में दस्तावेज जमा करा सकती है।
मांगे गए दस्तावेज:
- वाहन के वैध कागजात
- ड्राइवर का नाम, संपर्क नंबर, आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस
- हेल्पर का नाम, संपर्क नंबर और आधार कार्ड
- एक लिखित आवेदन पत्र
नगर निगम का कहना है कि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हर प्रक्रिया पर सख्त निगरानी रखी जाएगी और सभी शिकायतों का समय पर समाधान किया जाएगा।
