SGT यूनिवर्सिटी में शिक्षा नीति पर मंथन,’हायर एजुकेशन लीडर्स कॉन्क्लेव-2025’में उठी नई आवाज़ें

SGT यूनिवर्सिटी, गुरुग्राम ने ‘हायर एजुकेशन लीडर्स कॉन्क्लेव-2025’ का सफल आयोजन किया, जिसमें देश भर से आए 35 से अधिक प्रतिष्ठित शिक्षाविदों, नीति विशेषज्ञों और विश्वविद्यालय प्रमुखों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (NEP) के क्रियान्वयन और सुधार की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।

इस कॉन्क्लेव का मुख्य विषय था:
“भारतीय शिक्षा की पुनर्कल्पना: विरासत, नीति और राष्ट्रीय निर्माण – एनईपी 2020 के आलोक में”

कुलपति पद्म भूषण राम बहादुर राय ने उद्घाटन भाषण में कहा कि –

“शिक्षा को अनावश्यक नियंत्रण से मुक्त करके ही उसका आदर्श और व्यावहारिक स्वरूप समाज तक पहुंचाया जा सकता है।”

मुख्य बिंदु:

  • वाइस चांसलर डॉ. हेमंत वर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि NEP का उद्देश्य केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि व्यावहारिक और रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देना है।
  • पांच समानांतर सत्रों में शिक्षा व सामाजिक परिवर्तन, अकादमिक स्वतंत्रता, भारतीय भाषाएं, कौशल विकास और STEM शिक्षा पर चर्चा की गई।
  • लखनऊ, जम्मू, झारखंड और बिहार के विश्वविद्यालयों की विशेष भागीदारी रही।

प्रमुख वक्ता:

  • प्रो. बद्री नारायण, डायरेक्टर, जीबी पंत सोशल साइंस इंस्टीट्यूट
  • कुमोद कुमार, चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट
  • डॉ. एडीएन बाजपेयी, वाइस चांसलर, अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी
  • प्रो. उमेद राय, वाइस चांसलर, जम्मू यूनिवर्सिटी
  • प्रो. सरोज शर्मा, वाइस चांसलर, आईपी यूनिवर्सिटी
  • पूर्व सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे, आरएमपी के वाइस चेयरमैन

विशेष योगदान:
असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने वर्चुअल माध्यम से NEP की खूबियों को रेखांकित किया, वहीं दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने कहा –

“शिक्षा नीति शिक्षकों के मन और अनुभव से निकली होनी चाहिए, न कि सिर्फ दस्तावेजों से।”

महत्वपूर्ण घोषणाएं:

  • SGT यूनिवर्सिटी द्वारा UGC मान्यता प्राप्त ऑनलाइन कोर्सेज का शुभारंभ
  • प्रो. अमित के. सुमन की पुस्तक “Educating India: Colonialism and Indigenous Knowledge Traditions, 1780–1900” का विमोचन

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