भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने खेड़कीदौला टोल प्लाजा को पचगांव में शिफ्ट करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसके लिए एनएचएआई ने दो अलग-अलग टेंडर जारी किए हैं – एक सिविल वर्क के लिए और दूसरा सीसीटीवी कैमरों व अन्य टोल कलेक्शन सिस्टम से जुड़े उपकरणों के लिए।

90 हजार वाहनों की रोजाना आवाजाही का अनुमान
एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक, पचगांव में बनने वाला यह नया टोल प्लाजा आधुनिक तकनीक से लैस होगा और यहां से प्रतिदिन करीब 90,000 वाहनों के गुजरने की संभावना है। इस नए टोल प्लाजा पर मल्टी लेवल फ्री फ्लो टोलिंग (MLFF) प्रणाली को लागू किया जाएगा, जिससे हाई-स्पीड वाहनों का टोल कलेक्शन बिना रुकावट के किया जा सकेगा।
12 लेन टोल प्लाजा, हाईटेक मशीनरी से होगा संचालन
एनएचएआई के परियोजना निदेशक योगेश तिलक ने जानकारी दी कि टोल प्लाजा पर 12 लेन हाईस्पीड वाहनों के लिए बनाई जाएंगी। इसके अलावा, स्थानीय और छोटे वाहनों के लिए भी अलग-अलग टोल लेन होंगी, जिससे जाम की स्थिति को टाला जा सकेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि टोल पर ऐसी मशीनरी और सिस्टम लगाए जाएंगे जो तेज गति से आने वाले वाहनों से स्वतः टोल वसूली में सक्षम होंगे। यानी वाहन बिना रुके सीधे टोल पार कर सकेंगे और डिजिटल तरीके से टोल राशि कट जाएगी।

18 करोड़ की लागत, जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य
एनएचएआई के अनुसार, इस प्रोजेक्ट के तहत सिविल वर्क पर करीब 18 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। भूमि चिन्हांकन की प्रक्रिया दो-तीन दिनों में पूरी कर ली जाएगी और उसके बाद निर्माण कार्य को शुरू किया जाएगा।
क्या है मल्टी लेवल फ्री फ्लो टोलिंग प्रणाली?
MLFF प्रणाली एक ऐसी हाईटेक टोल कलेक्शन तकनीक है जिसमें वाहनों को टोल पर रुकना नहीं पड़ता। कैमरे, सेंसर और फास्टैग जैसे उपकरणों के जरिए स्वचालित रूप से टोल वसूला जाता है। इससे ट्रैफिक फ्लो में सुधार होता है और ईंधन की भी बचत होती है।