गुरुग्राम जिले का सोहना नागरिक अस्पताल एक बार फिर सवालों के कटघरे में है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) हरियाणा के निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव जब शनिवार को अचानक निरीक्षण पर पहुंचे, तो अस्पताल की बदहाल व्यवस्था देखकर भड़क उठे। स्वास्थ्य विभाग की सार्थक टीम ने पूरे परिसर का निरीक्षण किया, जिसमें कई गंभीर लापरवाहियाँ सामने आईं।

लैब में मनमानी, डॉक्टर 12 बजे के बाद रोक देते थे टेस्ट
टीम ने सबसे पहले लैब की जांच की, जहां पता चला कि डॉक्टर अपनी सुविधा के अनुसार दोपहर 12 बजे के बाद मरीजों के टेस्ट करवाना बंद कर देते थे।
निदेशक ने इस पर सख्त नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए कि—
“अस्पताल में सभी जांचें दोपहर 3 बजे तक अनिवार्य रूप से की जाएंगी।”

गंदगी देखकर भड़के अधिकारी, सफाई कर्मियों पर कार्रवाई के आदेश
अस्पताल परिसर की स्थिति बेहद खराब मिली।
- जगह-जगह कूड़ा
- टूटी-फूटी सीवर लाइन
- वार्डों में साफ-सफाई की कमी
इन सब पर निदेशक ने सफाई व्यवस्था को फटकार लगाई और तुरंत सुधार के आदेश दिए। कई स्वास्थ्य कर्मियों की अनुपस्थिति भी सामने आई, जिन पर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए।

लेबर रूम और वार्डों में खामियों की भरमार
निरीक्षण के दौरान लेबर रूम, ऑपरेशन थिएटर और वार्डों में कई मानक खामियां मिलीं।
अस्पताल के रैंप पर लाइट व्यवस्था तक नहीं पाई गई। वार्डों में न तो ठीक से सफाई थी और न ही मरीजों के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध थीं।
दो दिन पहले सूचना फिर भी सुधार नहीं
गौर करने वाली बात यह रही कि अस्पताल प्रशासन को टीम के आने की सूचना दो दिन पहले ही दे दी गई थी। इसके बावजूद निरीक्षण में खामियां साफ़ दिखीं, जिससे साफ़ हुआ कि अस्पताल की रोजमर्रा की व्यवस्था बेहद कमजोर है।
क्या है ‘सार्थक’ पहल?
NHM हरियाणा ने हाल ही में सार्थक पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य है—
- अस्पतालों की जवाबदेही तय करना
- सेवा गुणवत्ता में सुधार
- और नियमित समीक्षा के आधार पर सिस्टम को मजबूत बनाना
