विदेश में नौकरी का झांसा, म्यांमार में साइबर ठगी! गुरुग्राम पुलिस ने बड़ा गिरोह बेनकाब किया

साइबर अपराध थाना पश्चिम की टीम ने विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवाओं को मानव तस्करी के जरिए साइबर ठगी में धकेलने वाले गिरोह के एक सक्रिय सदस्य को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को 27 नवंबर को सेक्टर-37 क्षेत्र से दबोचा।

गिरफ्तार आरोपी की पहचान प्रवीन (26 वर्ष), दयाबस्ती, जींद (हरियाणा) के रूप में हुई है। आरोपी 10वीं पास है और लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों के संपर्क में था।

थाईलैंड और म्यांमार में चल रहा था बड़ा साइबर फ्रॉड रैकेट
पुलिस पूछताछ में प्रवीन ने खुलासा किया कि वह नवंबर 2024 में थाईलैंड गया था, जहां उसकी मुलाकात भारत, पाकिस्तान और चीन के साइबर ठगों से हुई। दिसंबर 2024 में भारत लौटने के बाद भी वह उनके संपर्क में रहा और उनके निर्देश पर भारत से युवाओं को विदेश भेजकर साइबर ठगी करवाने लगा।

युवाओं को विदेश भेजने के बदले आरोपी को प्रति व्यक्ति 50,000 रुपये तक का कमीशन मिलता था।
प्रवीन टेलीग्राम और इंस्टाग्राम के जरिए युवाओं से संपर्क करता और उन्हें थाईलैंड में अच्छी नौकरी का लालच देकर फंसा लेता। इसके बाद वहां के साथियों की मदद से युवाओं को थाईलैंड से गैर-कानूनी तरीके से डंकी रूट के जरिए म्यांमार भेज दिया जाता, जहां चीन मूल के गिरोह उन्हें साइबर ठगी में लगा देते।

विरोध करने पर जान से मारने की धमकी
जिन युवक ठगी करने से इनकार करते, उन्हें आरोपी और उसके साथी गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देते थे। पीड़ितों को भारत वापस भेजने के बदले उनसे 4700 डॉलर तक की रकम वसूली जाती थी।

दो युवाओं को भेज चुका विदेश
अब तक की जांच में पता चला है कि प्रवीन जींद के दो युवाओं को नौकरी का झांसा देकर विदेश भेज चुका है। आरोपी स्वीकार करता है कि वह मानव तस्करी, नौकरी का झांसा और साइबर अपराध में शामिल विदेशी गिरोहों के साथ काम कर रहा था।

आपराधिक इतिहास
प्रवीन के खिलाफ पहले भी वीजा दिलाने के नाम पर ठगी का एक मामला दर्ज है। गुरुग्राम पुलिस ने इसी तरह के मामलों में मानव तस्करी से जुड़े पांच आरोपियों को पहले भी गिरफ्तार किया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

दो दिन के रिमांड पर आरोपी

आरोपी को 28 नवंबर को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया। रिमांड के दौरान उससे गिरोह के अन्य सदस्यों और अब तक किए गए अपराधों की जानकारी जुटाई जा रही है।

– प्रियांशु दीवान, सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर अपराध), गुरुग्राम




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