प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुग्राम जोनल ऑफिस से यूनिवर्सल बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड और इसके पूर्व प्रमोटरों की 153.16 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां अस्थायी रूप से अटैच कर दी हैं। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत की गई है।

अटैच की गई संपत्तियों में शामिल हैं
- राजस्थान के बेहरोर और कोटपूतली में 29.45 एकड़ जमीन
- गुरुग्राम सेक्टर-49 के यूनिवर्सल ट्रेड टॉवर की कई यूनिट्स
- 3.16 करोड़ रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट
ED ने 19 सितंबर को विशेष पीएमएलए कोर्ट, गुरुग्राम में आरोपितों के खिलाफ अभियोग शिकायत दर्ज की। ये जांच दिल्ली-एनसीआर में दर्ज 30 से अधिक एफआईआर पर आधारित है, जो प्रमोटरों रमण पुरी, विक्रम पुरी और वरुण पुरी पर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट समय पर पूरा न करने और निवेशकों को धोखा देने के आरोपों से संबंधित हैं।
इससे पहले, 22 जुलाई 2025 को तीनों प्रमोटरों और पूर्व निदेशकों को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया गया था और वे न्यायिक हिरासत में हैं।
कंपनी बाद में CIRP (Corporate Insolvency Resolution Process) में ली गई। इसके तहत आवंटियों और लेनदारों को शामिल करते हुए एक रेज़ोल्यूशन प्लान मंजूर हुआ। कुछ संपत्तियां आवंटियों को दी गईं, बाकी बेचकर वसूली की जानी थी।
लेकिन निवेशकों को 15 साल से अधिक समय से इंतजार करना पड़ रहा है, और रेज़ोल्यूशन के तहत उन्हें अतिरिक्त धनराशि भी जमा करनी पड़ रही है। अधिकांश निवेशक 2010 से पहले निवेश कर चुके थे, लेकिन प्रमोटरों की कथित देरी और निर्माण रोकने की कार्रवाई के कारण उन्हें अभी तक फ्लैट या संपत्ति नहीं मिली।
जांच में यह भी सामने आया कि गुरुग्राम और फरीदाबाद के आठ प्रोजेक्ट्स में 12 साल में 1000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए गए, लेकिन सिर्फ कुछ हिस्से का विकास में इस्तेमाल हुआ और बाकी निजी लाभ के लिए हेरफेर किया गया। आरोपों में धोखाधड़ी, गलत अभिलेख, फर्जीवाड़ा और अपराधपूर्ण लाभ शामिल हैं।
ED ने बताया कि जांच अभी जारी है, और आगे और खुलासे हो सकते हैं।
