एसजीटी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘आई-शाइन 2025 – एआई’ का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें भारत सहित विश्वभर के प्रमुख शोधकर्ता, नीति-निर्माता, और उद्योग विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस समिट का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण और सतत विकास में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की भूमिका पर संवाद स्थापित करना था।
“सतत विकास हेतु एआई का उपयोग: 2047 तक विकसित भारत की परिकल्पना” विषय पर आधारित इस समिट में 19 राज्यों के प्रतिनिधियों और कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की भागीदारी रही।



कुलपति डॉ. हेमंत वर्मा ने किया उद्घाटन
सम्मेलन का उद्घाटन एसजीटी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. हेमंत वर्मा ने स्वागत भाषण के साथ किया, जिसमें उन्होंने एआई को शिक्षा और नवाचार के लिए एक परिवर्तनकारी शक्ति बताया। उन्होंने एआई के नैतिक उपयोग और अंतर्विषयक सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
विशेषज्ञों की अहम प्रस्तुतियाँ
समिट में प्रो. मोहम्मद अफशर आलम (जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय) मुख्य अतिथि और सुनील शर्मा (सोफोस) विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।
प्रमुख प्रस्तुतियाँ:
डॉ. हरि प्रसाद देवकोटा (जापान) – वैश्विक स्वास्थ्य में एआई की भूमिका
डॉ. मानक गुप्ता (अमेरिका) – समाज पर एआई का प्रभाव
डॉ. श्रीनिवास के – फसल अनुसंधान में बायोइन्फॉर्मेटिक्स और एआई का एकीकरण
डॉ. विकास कन्नौजिया – भारत का पहला एआई आधारित कृत्रिम हार्ट असिस्ट डिवाइस
दूसरे दिन प्रो. कोरी ग्लिकमैन (इन्फोसिस, अमेरिका) ने “सस्टेनेबिलिटी में एआई की भूमिका” पर विचार साझा किए। अन्य वक्ताओं में डॉ. वकार नकवी (कतर), डॉ. खालिद रज़ा (जामिया मिलिया इस्लामिया), किशन श्रीवास्तव (एसडीएलसी कॉर्प, दुबई), और शिवम द्विवेदी (इंजीनियरिंग आर्किटेक्ट, कोर एंड थ्योरी, न्यूयॉर्क) ने विभिन्न क्षेत्रों में एआई की उपयोगिता पर प्रस्तुतियाँ दीं।
समापन सत्र में इंद्रेश कुमार का मार्गदर्शन
समापन सत्र के मुख्य अतिथि इंद्रेश कुमार (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने एआई को मानवता के कल्याण के लिए उपयोगी बताया। डॉ. हरनाथ बाबू (केपीएमजी) विशिष्ट अतिथि रहे।
उद्देश्य और महत्व
इस समिट का उद्देश्य शिक्षा, उद्योग और सरकार के बीच सहयोग को बढ़ावा देना था ताकि एआई आधारित समाधान स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण और प्रशासन जैसे क्षेत्रों में व्यावहारिक रूप से लागू किए जा सकें।
एसजीटी विश्वविद्यालय इस आयोजन के माध्यम से “विकसित भारत 2047” की दिशा में सार्थक पहल कर रहा है।