हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा 1 अप्रैल से लागू की गई बिजली दरों में बढ़ोतरी ने गुरुग्राम के लाखों निवासियों की जेब पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है। खासकर ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों में रहने वाले लोग सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। इन सोसाइटियों में बिजली बिलों में औसतन 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी जा रही है।

बिल बढ़ने की मुख्य वजहें
फिक्स चार्जेस ज्यादा:
ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों के लिए निर्धारित फिक्स चार्जेस आम रिहायशी इलाकों की तुलना में अधिक हैं।
अधिकतम स्लैब रेट:
निवासियों का आरोप है कि कई बिल्डर्स अधिकतम स्लैब रेट और अतिरिक्त चार्जेस लगाकर उपभोक्ताओं से वसूली कर रहे हैं।
यूनिफाइड बिलिंग सिस्टम नहीं:
पारदर्शिता की कमी के कारण व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को यह नहीं पता चल पाता कि किस दर पर बिजली चार्ज की जा रही है।
अस्थायी कनेक्शन और डीजी सेट:
50 से 100 फ्लैट्स वाली सोसाइटियों में अस्थायी कनेक्शन और डीजल जेनरेटर (DG Set) के कारण प्रति यूनिट लागत 4 से 5 गुना तक बढ़ जाती है।
क्या कह रहे हैं निवासी?
साउथ सिटी, पालम विहार और सेक्टर-83 जैसी बड़ी सोसाइटियों के निवासियों ने कहा कि बिजली बिलों में इस अप्रत्याशित बढ़ोतरी ने उनका मासिक बजट बिगाड़ दिया है। कई लोगों ने यह भी बताया कि बिल्डर उन्हें कमर्शियल कनेक्शन की दरों पर बिजली दे रहे हैं, जो कि गलत है।