गुरुग्राम नगर निगम ने मानसून से पहले शहर में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम करने का निर्णय लिया है। मंगलवार को हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में मेयर राजरानी मल्होत्रा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी वार्डों में जलभराव की स्थिति का आकलन कर समय रहते समाधान सुनिश्चित किया जाए। बैठक में निगमायुक्त प्रदीप दहिया, अतिरिक्त निगमायुक्त यश जलुका, महावीर प्रसाद सहित वरिष्ठ अधिकारी और पार्षद उपस्थित रहे।
मेयर ने पार्षदों से अपने-अपने वार्डों में जलभराव की समस्या वाले स्थानों की जानकारी निगम अधिकारियों को देने को कहा, ताकि नालों की सफाई और अन्य आवश्यक प्रबंध किए जा सकें। इसके साथ ही शहर के विकास से जुड़ी योजनाओं को भी समय पर पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई गई।

सफाई और जलनिकासी पर विशेष ध्यान
बैठक में पार्षदों ने सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने और बारिश के बाद जलभराव की समस्या को प्राथमिकता के आधार पर हल करने की मांग की। इस बार मई के अंत तक मानसून के आने की संभावना है, जो सामान्य रूप से जून के अंत में आता था। इस कारण समय से पहले तैयारियां शुरू करने पर जोर दिया गया।
निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि तकनीक आधारित निगरानी प्रणाली को अपनाकर समस्याओं का प्रभावी समाधान किया जाएगा। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण और सेग्रीगेशन को बेहतर करने पर विशेष फोकस रहेगा। उन्होंने संयुक्त निगमायुक्तों को निर्देश दिए कि पार्षदों की ओर से आने वाली समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करें।
विकास कार्यों पर चर्चा
बैठक में जलनिकासी प्रबंध, सीवरेज समस्याओं का समाधान, सड़कों को गड्ढा मुक्त करने, प्रॉपर्टी टैक्स डाटा में सुधार और अनधिकृत निर्माण जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। मेयर ने जनभागीदारी और अधिकारियों-पार्षदों के बीच तालमेल पर जोर देते हुए कहा कि इससे बेहतर और विकसित गुरुग्राम की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है.
सदन की बैठक का इंतजार
नगर निगम के सदन की आधिकारिक बैठक अभी तक नहीं हुई है। बजट को लेकर एक बैठक हो चुकी है, लेकिन सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चयन के बाद ही सदन की बैठक संभव हो सकेगी। पार्षदों ने प्रस्तावों को जल्द मंजूरी दिलाने की मांग की है। निगम के जेई विंग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पार्षदों के साथ मिलकर क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान के लिए प्रस्ताव तैयार करें, ताकि मंजूरी प्रक्रिया में देरी न हो।