रुग्राम जिला बार एसोसिएशन ने न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं की पोशाक (ड्रेस कोड) को लेकर एक सख़्त कदम उठाया है। अब गैर-पंजीकृत व्यक्ति या क्लर्क यदि वकीलों की निर्धारित पेशेवर पोशाक – सफेद शर्ट और काली पैंट – पहनते पाए गए तो उन पर ₹5000 का जुर्माना लगाया जाएगा।

बार एसोसिएशन ने इस विषय में एक आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि न्यायालय परिसर में केवल निम्नलिखित लोगों को ही वकीलों की ड्रेस पहनने की अनुमति होगी
- पंजीकृत अधिवक्ता (एडवोकेट)
- विधिवत अधिकृत विधि प्रशिक्षु (लॉ इंटर्न)
- अधिवक्ताओं के साथ पंजीकृत ट्रेनी
महिला अधिवक्ताओं के लिए बार काउंसिल द्वारा मान्यता प्राप्त ड्रेस कोड – सफेद सलवार-सूट या साड़ी – भी अनुमत हैं।
भ्रम फैलाने वालों पर होगी सख़्त कार्रवाई
जिला बार एसोसिएशन के सह सचिव पवन राघव एडवोकेट ने बताया कि पिछले कुछ समय से ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां कुछ लोग, जो न तो अधिवक्ता हैं और न ही प्रशिक्षु, वे न्यायालय परिसर में वकीलों जैसी पोशाक पहनकर भ्रम फैला रहे हैं। इससे न केवल आम जनता को धोखा होता है, बल्कि न्यायिक कार्यप्रणाली की गरिमा भी प्रभावित होती है।
सुरक्षा व न्यायालय प्रशासन से होगा समन्वय
बार एसोसिएशन ने ड्रेस कोड के पालन हेतु न्यायालय प्रशासन और सुरक्षा कर्मचारियों के साथ समन्वय स्थापित करने का निर्णय लिया है। यदि कोई व्यक्ति बिना अधिकार अधिवक्ताओं की ड्रेस पहनता है, तो उस पर कार्यवाही करते हुए ₹5000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा।