मानेसर नगर निगम में सफाई व्यवस्था संभाल रही आकांक्षा एंटरप्राइजेज एजेंसी एक बड़े विवाद में फंस गई है। हाल ही में सामने आए एक मामले में पता चला है कि एजेंसी ने मैन पावर और मशीनरी से कहीं अधिक राशि का बिल निगम को सौंपा था।

बिल की जांच में सामने आया घोटाला
नगर निगम को फरवरी से मई 2025 तक का सफाई का बिल सौंपा गया था, जिसकी कुल राशि थी 13,17,61,332 रुपये। लेकिन जब निगम की सेनिटेशन स्टैंडिंग कमेटी ने 4 जून को जांच की, तो पता चला कि वास्तविक मैन पावर और मशीनरी के अनुसार केवल 3,99,69,065 रुपये का भुगतान बनता है।
इस तरह करीब 9,17,92,267 रुपये की फालतू राशि बिल में जोड़ी गई थी, जिसे काटकर रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेज दी गई है।
पोर्टल डेटा से खुली पोल
नियमों के अनुसार, प्रतिदिन फील्ड में तैनात मैन पावर और मशीनरी की जानकारी नगर निगम के पोर्टल पर अपलोड की जाती है। पोर्टल पर मौजूद डेटा से तुलना करने पर साफ हो गया कि जितनी मशीनरी और कर्मचारी बताए गए थे, वे वास्तव में मौजूद नहीं थे।
यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी एजेंसी के खिलाफ इसी तरह की शिकायतें सामने आ चुकी हैं।
अधिकारियों की जिम्मेदारी भी सवालों के घेरे में
इस पूरे मामले ने नगर निगम के अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि अधिकारी नियमित रूप से फील्ड में जाकर औचक निरीक्षण करते, तो शायद इस तरह की गड़बड़ी को पहले ही रोका जा सकता था।
क्या होगा आगे?
अब जबकि रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेज दी गई है, संभावना है कि इस पर कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम को चाहिए कि वे भविष्य में एजेंसियों पर अधिक सख्त निगरानी रखें और पोर्टल पर दर्ज डेटा की नियमित जांच करें।