मानेसर को मिलेगा नया पर्यावरणीय बूस्ट
मानेसर नगर निगम ने कचरा प्रबंधन और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। इंदौर के सफल ‘गोबर-धन प्लांट’ की तर्ज पर अब मानेसर के गांव भांगरौला में एक कंप्रेस्ड-बायो गैस (CBG) प्लांट स्थापित करने की योजना तैयार है। इस परियोजना के लिए 10 एकड़ भूमि चिन्हित कर ली गई है और भारत पेट्रोलियम द्वारा स्थल का निरीक्षण कर सहमति भी दे दी गई है।

कैसे करेगा काम यह प्लांट?
यह प्लांट प्रतिदिन 150 टन गीले कचरे और गोबर का वैज्ञानिक तरीके से निपटान करेगा। मानेसर की गौशालाओं से निकलने वाले गोबर को भी इसमें उपयोग किया जाएगा। इससे न केवल कचरे की समस्या का समाधान होगा, बल्कि स्थानीय निवासियों को किफायती और प्रदूषण मुक्त ईंधन भी मिलेगा।
प्रमुख विशेषताएं:
- पाइपलाइन के जरिए घरों तक पहुँचेगी बायो-गैस
- प्लांट की बायोगैस को शुद्ध करके बनाया जाएगा CBG
- जैविक खाद का उत्पादन भी होगा
इंदौर मॉडल: मानेसर की प्रेरणा
इंदौर का ‘गोबर-धन प्लांट’ एशिया का सबसे बड़ा CBG प्लांट है। वहां प्रतिदिन 550 टन गीले कचरे से 17,500 किग्रा बायो-सीएनजी बनाई जाती है, जो शहर की 150 से अधिक बसों को चलाने में इस्तेमाल होती है। मानेसर नगर निगम भी इसी सफलता को दोहराने की योजना पर काम कर रहा है।
पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों को फायदा
इस परियोजना के माध्यम से:
- लैंडफिल साइट पर बोझ कम होगा
- कचरे का उसी दिन निस्तारण संभव होगा
- स्थानीय रोजगार के अवसर मिलेंगे
- जैविक खाद से खेती में लाभ होगा
- राजस्व वृद्धि भी सुनिश्चित होगी
₹100 करोड़ की लागत – BPCL देगा फंड
निगम द्वारा तैयार प्रस्ताव के अनुसार इस प्लांट की लागत लगभग 100 करोड़ रुपये है, जिसे भारत पेट्रोलियम वहन करेगा। मानेसर नगर निगम केवल भूमि उपलब्ध करवा रहा है। यह परियोजना ‘स्वच्छ भारत मिशन’ और ‘सर्कुलर इकोनॉमी’ के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।
निगमायुक्त का बयान:
“मानेसर के गांव भांगरौला में कंप्रेस्ड- बायो गैस लगाने के लिए दस एकड़ जमीन को चिन्हित कर लिया है। इसकी फीजिबिलिटी रिपोर्ट आ गई है। इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जल्द ही अनुमति के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।”— आयुष सिन्हा, निगम आयुक्त, मानेसर
क्या होती है कंप्रेस्ड बायो गैस (CBG)?
कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) एक नवीकरणीय और पर्यावरण अनुकूल ईंधन है, जिसे जैविक कचरे जैसे गीले कचरे और गोबर से तैयार किया जाता है। यह प्राकृतिक गैस (CNG) की तरह इस्तेमाल की जा सकती है और वाहनों, रसोई गैस व औद्योगिक उपयोग में इसका प्रयोग किया जाता है।
