साइबर सिटी में मेट्रो विस्तार परियोजना को जमीन की कमी से पटरी से उतरने से बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने 11 वरिष्ठ अधिकारियों की एक विशेष समिति गठित की है, जो सीधे जमीन मालिकों से बातचीत कर अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज करेगी। जमीन अधिग्रहण पर आने वाला पूरा खर्च गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (GMRL) उठाएगी।

करीब एक महीने से साइबर सिटी इलाके में मेट्रो विस्तार का काम शुरू हो चुका है, लेकिन पुराने गुरुग्राम के कई घनी आबादी वाले इलाकों में सड़कों की चौड़ाई कम होने के कारण कॉरिडोर तैयार करना मुश्किल हो रहा है। कई जगह न तो एलिवेटेड और न ही अंडरग्राउंड मेट्रो संभव है। ऐसे में जमीन अधिग्रहण ही एकमात्र रास्ता बचता है।
इसी चुनौती को देखते हुए गुरुवार को शहरी विकास के प्रधान सलाहकार डीएस ढेसी की अध्यक्षता में लघु सचिवालय में जिला स्तरीय समन्वय समिति की अहम बैठक हुई, जिसमें सबसे ज्यादा चर्चा मेट्रो विस्तार परियोजना को लेकर हुई।
AIPL मॉल से CRPF कैंप तक सड़क चौड़ी होगी
बैठक में AIPL मॉल (सेक्टर-63A) से CRPF कैंप तक सड़क विस्तार का भी फैसला लिया गया। यह सड़क CRPF जवानों, पुलिस स्टाफ और स्थानीय लोगों के लिए बड़ी राहत साबित होगी। इसके अलावा GSPR से PTS, CRPF कैंप और जेल परिसर तक नई कनेक्टिविटी की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। इन सभी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पहले से जारी है।
मार्च 2026 तक 90 किलोमीटर से ज्यादा सड़कों का होगा कायाकल्प
2026-27 के लिए गुरुग्राम में सड़क मरम्मत और उन्नयन की योजनाओं पर भी मुहर लगी।
- सेक्टर 1 से 23 में पैच वर्क का अनुमान 3.65 करोड़ रुपये है, जो स्वीकृति के अंतिम चरण में है।
- सेक्टर 24 से 80 के लिए टेंडर खुल चुका है और दिसंबर 2025 तक काम आवंटित किया जाएगा।
- विशेष मरम्मत और उन्नयन के तहत करीब 90.16 किलोमीटर सड़कों का काम मार्च 2026 तक पूरा होगा।
वाटिका चौक से फरीदाबाद रोड तक बनेगी एलिवेटेड रोड
वाटिका चौक से फरीदाबाद रोड तक बन रही एलिवेटेड रोड को लेकर भी अहम जानकारी दी गई। अधिकारियों ने बताया कि इसका डिटेल डिजाइन तैयार किया जा रहा है और वाटिका चौक के आसपास अतिरिक्त जमीन की जरूरत का आकलन चल रहा है।
404 रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम होंगे फिर से एक्टिव
एमसीजी क्षेत्र में मौजूद 404 रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (RWHS) को दुरुस्त करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सभी सिस्टम को 31 दिसंबर 2025 तक चालू हालत में लाने के आदेश दिए गए हैं।
साथ ही वाटिका चौक से NH-48 तक मास्टर स्टॉर्म वाटर ड्रेन का काम भी तेज़ी से चल रहा है।
अब तक 4622 मीटर में से 2570 मीटर का काम पूरा हो चुका है। पूरी परियोजना 30 जून 2026 तक पूरी होगी।
जल आपूर्ति और कचरा प्रबंधन पर भी बड़ा अपडेट
सेक्टर-72 बूस्टर स्टेशन से अतिरिक्त जल आपूर्ति को लेकर भी चर्चा हुई।
वहीं ठोस कचरा और C&D वेस्ट के निपटारे की समीक्षा में बताया गया कि:
- बसई प्लांट 1200 मीट्रिक टन क्षमता पर चल रहा है
- C&D वेस्ट का निपटान प्राथमिकता पर किया जा रहा है
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर टोल प्लाजा का फैसला अब भी अधर में
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर टोल प्लाजा कहां बनेगा, इस पर गुरुवार की बैठक में भी कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका। अब यह फैसला केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पर छोड़ दिया गया है। मंत्रालय अब सुरक्षा एजेंसियों से सलाह लेकर अंतिम निर्णय लेगा।
- पहले पचगांव चौक पर टोल प्लाजा बनाने का प्रस्ताव था, ग्रामीणों के विरोध के बाद रद्द हुआ
- फिर सहरावन में प्रस्ताव रखा गया, जिस पर सुरक्षा एजेंसियों ने आपत्ति जता दी
- सहरावन से पचगांव के बीच HSIIDC के पास जमीन उपलब्ध है
- पचगांव से आगे टोल बनाने पर नई जमीन अधिग्रहित करनी होगी
बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद
बैठक में जीएमडीए के सीईओ पीसी मीणा, उपायुक्त अजय कुमार, नगर निगम गुरुग्राम की अतिरिक्त आयुक्त अंकिता चौधरी, मानेसर नगर निगम आयुक्त प्रदीप सिंह, अतिरिक्त आयुक्त यश जलुका, एडीसी वत्सल वशिष्ठ सहित HSIIDC, PWD, NHAI और नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
