अब फर्रूखनगर नहीं, कहलाएगा श्री राम नगर!

गुरुग्राम जिले के ऐतिहासिक कस्बे फर्रूखनगर का नाम बदलकर अब “श्री राम नगर” किए जाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। नगरपालिका समिति की हाल ही में हुई बैठक में यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। बैठक में तीन नाम—श्री राम नगर, अंबेडकर नगर और वैदिक नगर—प्रस्तावित किए गए थे, जिनमें से सभी सदस्यों की सहमति से “श्री राम नगर” नाम को मंजूरी दी गई।

अब यह प्रस्ताव नगर निगम गुरुग्राम (MCG) को भेजा जाएगा, जो आगे इसे हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय (ULB) विभाग के पास अंतिम स्वीकृति के लिए भेजेगा। राज्य सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही नाम परिवर्तन आधिकारिक रूप से लागू होगा।

धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक भावना से जुड़ा निर्णय

नगरपालिका समिति के अध्यक्ष बलबीर सैनी ने बताया कि नाम परिवर्तन का यह निर्णय वेदिक परंपराओं, सांस्कृतिक मूल्यों और स्थानीय नागरिकों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से स्थानीय लोग नगर का नाम बदलने की मांग कर रहे थे और अब यह मांग पूरी होने की दिशा में आगे बढ़ चुकी है। इस प्रस्ताव पर अब तक किसी भी स्तर पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई है।

स्थानीय नागरिकों का मानना है कि “श्री राम नगर” नाम से नगर की धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान और मजबूत होगी। इससे नगर की अलग पहचान बनेगी और भावी पीढ़ियों को अपनी परंपराओं से जुड़ने का अवसर मिलेगा।

फर्रूखनगर का ऐतिहासिक महत्व

फर्रूखनगर कभी मुगल काल का एक समृद्ध व्यापारिक कस्बा और महत्वपूर्ण चौकी रहा है। यह गुरुग्राम जिले में स्थित है और झज्जर जिले की सीमा के पास, शहर से लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है। यह नगर अहिरवाल क्षेत्र का हिस्सा भी रहा है, जिसकी अपनी अलग सांस्कृतिक पहचान है।

इस नगर की स्थापना वर्ष 1732 में फौजदार खान द्वारा की गई थी। फौजदार खान, मुगल बादशाह फर्रुखसियर के गवर्नर थे और उन्हीं के नाम पर इस नगर का नाम फर्रूखनगर पड़ा। मुगल काल में यह कस्बा व्यापार, प्रशासन और सुरक्षा की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण केंद्र था। यहां बना फर्रूखनगर किला आज भी उस दौर की स्थापत्य कला और ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक है।

नाम परिवर्तन से होंगे कई बदलाव

नगर का नाम बदलने के बाद यहां के सभी सरकारी अभिलेख, राजस्व रिकॉर्ड, स्कूलों के दस्तावेज, आधार-पैन जैसी पहचान से जुड़ी संस्थागत प्रविष्टियां और नक्शों में भी बदलाव किया जाएगा। इसके अलावा भविष्य में सरकारी योजनाओं, पर्यटन और विकास परियोजनाओं में भी नई पहचान के साथ नगर को प्रस्तुत किया जाएगा।

स्थानीय व्यापारियों और युवाओं को उम्मीद है कि नए नाम से नगर की पहचान प्रदेश और देश स्तर पर और मजबूत होगी, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो सकते हैं।

आगे की प्रक्रिया क्या होगी?

अब यह प्रस्ताव MCG को भेजा जाएगा, जहां से इसे हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग को अंतिम स्वीकृति के लिए अग्रेषित किया जाएगा। यदि सरकार से मंजूरी मिल जाती है, तो फर्रूखनगर आधिकारिक रूप से “श्री राम नगर” के नाम से जाना जाएगा।




















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