गुरुग्राम के चुनाव तहसीलदार रोहित सिहाग को रिश्वत मामले में बड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने चुनाव विभाग के प्रस्ताव पर मंजूरी देते हुए उनके सस्पेंशन के आदेश जारी कर दिए हैं।

2 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया अधिकारी
13 नवंबर को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) गुरुग्राम की टीम ने तहसीलदार रोहित सिहाग को एक ठेकेदार से 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।
सिहाग पर आरोप है कि वह विधानसभा चुनाव के दौरान लगी गाड़ियों के भुगतान के लिए आवश्यक NOC जारी करने के बदले रिश्वत मांग रहा था।
2024 विधानसभा चुनावों में लगी थीं गाड़ियां
गुरुग्राम ACB ऑफिस को एक ट्रांसपोर्टर ने शिकायत दी थी। शिकायत में बताया गया कि उसकी गाड़ियां 2024 विधानसभा चुनाव में उपायुक्त गुरुग्राम द्वारा चुनावी कार्यों में लगाई गई थीं।
सरकारी तय दर के अनुसार भुगतान होना था, परंतु बिलों पर कार्रवाई न होने से ट्रांसपोर्टर कई महीनों से दफ्तरों के चक्कर काट रहा था।
भुगतान प्रक्रिया में NOC जरूरी
उपायुक्त कार्यालय द्वारा बिल पुलिस आयुक्त गुरुग्राम को भेजा गया था।
पुलिस विभाग द्वारा भुगतान जारी करने के लिए चुनाव कार्यालय जिला गुरुग्राम से NOC आवश्यक थी। इसी NOC के लिए अधिकारी पर रिश्वत मांगने का आरोप लगा।
पहले मांगे 3.50 लाख, फिर घटाकर 2 लाख किए
शिकायतकर्ता के अनुसार, तहसीलदार रोहित सिहाग और उसके सहायक ने NOC जारी करने के बदले 3.50 लाख रुपए की मांग की थी।
काफी आग्रह के बाद रिश्वत की राशि कम करके 2 लाख रुपए कर दी गई।
ACB ने कार्रवाई करते हुए दोनों को रंगे हाथों दबोच लिया।
सरकार ने दिए सख्त संदेश
सस्पेंशन आदेश जारी करते हुए कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि
“भ्रष्टाचार किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चुनाव जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया में लापरवाही व भ्रष्टाचार गंभीर अपराध है।”
