गुरुग्राम। नगर निगम कर्मचारियों की नाराज़गी अब सड़कों पर दिखने लगी है। बुधवार को विभिन्न लंबित मांगों को लेकर कर्मचारियों ने शहरभर में जोरदार प्रदर्शन किया। पुराना नगर निगम कार्यालय से शुरू हुआ यह विरोध मार्च अग्रसेन चौक, सेशन हाउस, मोर चौक और अग्रवाल धर्मशाला चौक से होते हुए वापस पुराने निगम दफ्तर पर आकर समाप्त हुआ।

प्रदर्शन का नेतृत्व इकाई प्रधान बसंत कुमार ने किया, जबकि संचालन की कमान सचिव धर्मेंद्र के पास थी। इस दौरान संघ राज्य सचिव सुशीला देवी, वरिष्ठ नेता राजेश कुमार, उप प्रधान ज्ञान चंद, सह सचिव सीमा देवी, कोषाध्यक्ष भारत कांगड़ा और सलाहकार गब्बर सिंह समेत कई कर्मचारी नेता मौजूद रहे।
सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप
कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने 29 जून को विभागीय मंत्री विपुल गोयल के आवास पर प्रदर्शन के बाद उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया था। मंत्री ने एक सप्ताह में बैठक कर समाधान देने की बात कही थी, लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार उनकी समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है।
कर्मचारियों की 6 बड़ी मांगें
- पूंजीपतियों के हित में किए गए श्रम कानूनों में बदलाव वापस लिए जाएं
- न्यूनतम वेतन ₹27,000 प्रति माह लागू किया जाए
- कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए
- पालिका, परिषद और निगमों में खाली पदों पर स्थायी भर्ती की जाए
- पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए
- बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर दिए जाएं
कर्मचारियों का कहना है कि सरकार की आर्थिक उदारीकरण नीतियों की वजह से महंगाई और बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है।
बड़े आंदोलन की चेतावनी
कर्मचारियों ने एलान किया कि अगर उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और तेज़ होगा:
- 10-11 सितंबर → राज्यभर के सभी विधायकों को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
- 26 सितंबर → जिला स्तर पर बड़ा प्रदर्शन होगा।
- 18 अक्टूबर → सीएम कैंप कार्यालय पर घेराव किया जाएगा।
- मांगें न माने जाने पर राज्य स्तरीय विशाल आंदोलन की भी तैयारी है।
