साइबर सिटी गुरुग्राम को दहला देने वाले 2019 के टैक्सी चालक जयपाल सिंह अपहरण और हत्या मामले में अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार देवन की अदालत ने तीन दोषियों—साकिब अंसारी, पंकज सिंह और प्रिंस पाल—को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए उन पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने सभी को IPC की धारा 302, 364, 201 और 397 के तहत दोषी करार दिया।

कैसे उजागर हुआ मामला
यह मामला उस समय सामने आया जब 23 नवंबर 2019 को टैक्सी मालिक सूरज सिंह चौहान उर्फ अर्जुन ने अपने ड्राइवर जयपाल सिंह की रहस्यमयी गुमशुदगी की शिकायत पालम विहार थाने में दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि जयपाल 21 नवंबर की रात करीब 10 बजे साइबर सिटी से एक ग्राहक को छोड़ने गया था लेकिन उसके बाद न तो वापस लौटा और न ही घर पहुँचा।
गुमशुदगी को संदिग्ध मानते हुए पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
गिरफ्तारी और केस का खुलासा
जांच के दौरान पुलिस ने 19 दिसंबर 2019 को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि:
- उन्होंने जयपाल से लिफ्ट ली थी
- रास्ते में ब्लेड से उसके गले पर हमला किया
- कंबल से उसका गला घोंटकर हत्या कर दी
- शव को शंकर चौक–हनुमान मंदिर मार्ग की झाड़ियों में पत्थरों के नीचे दबा दिया
- मृतक की कार और मोबाइल लेकर फरार हो गए
आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने झाड़ियों के बीच से दबा हुआ शव बरामद किया। मजबूत सबूतों व गवाहियों के आधार पर पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दायर की।
ऐसे मिला न्याय
लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कैद की सजा सुना दी। इस फैसले को पीड़ित परिवार के लिए महत्वपूर्ण राहत माना जा रहा है।
