सोहना से गुरुग्राम के बीच चलने वाली गुरु गमन मेट्रोपोलिटन सिटी बस लिमिटेड (MCBL) की सिटी बस सेवा को परिवहन विभाग ने अचानक बंद कर दिया है। इसके चलते रोजाना आवाजाही करने वाले हजारों कर्मचारियों, विद्यार्थियों और ग्रामीण यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पहले हर 20–30 मिनट पर बसें उपलब्ध थीं, लेकिन अब लोगों को बसों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

परमिट विवाद के कारण कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक MCBL की करीब 25 बसें सोहना–गुरुग्राम रूट पर लगातार चल रही थीं। लेकिन परिवहन विभाग ने इन बसों के “वैध परमिट” को लेकर आपत्ति जताई और बिना देरी कार्रवाई करते हुए बस सेवा बंद कर दी। आदेश जारी होते ही गुरुगमन की सभी बसों को रूट से हटा लिया गया।
ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा असर
बस सेवा बंद होने का असर सबसे ज्यादा सोहना, दमदमा, घामडोज़, भोंडसी और आसपास के गांवों पर पड़ा है।
पहले गुरुगमन सिटी बसें सर्विस रोड से होकर गुजरती थीं, जिससे ग्रामीण यात्रियों को आसानी से उतारने-चढ़ने की सुविधा मिलती थी।
अब उन्हें रोडवेज बसों का इंतजार करना पड़ रहा है और भीड़ ज्यादा होने से सीट मिलना लगभग नामुमकिन हो गया है।
रोडवेज का दावा—60+ बसें तैनात
यात्रियों की बढ़ती परेशानी को देखकर रोडवेज विभाग ने दावा किया है कि सोहना–गुरुग्राम रूट पर 60 से ज्यादा बसें तैनात की जा चुकी हैं।
बस स्टैंड इंचार्ज गोविंद का कहना है कि चालकों को स्पष्ट निर्देश हैं कि बसें सर्विस रोड से चलें, ताकि कोई स्थानीय यात्री सड़क पर खड़ा न रह जाए।
पहले कई बसें फ्लाईओवर से निकल जाती थीं, जिसकी वजह से ग्रामीण यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती थी।
निजी बस संचालकों और गुरुगमन ऑपरेटरों में टकराव
पिछले कई महीनों से इस रूट पर संचालन को लेकर निजी बस संचालकों, MCBL और परिवहन विभाग के बीच विवाद चल रहा था।
निजी बस ऑपरेटरों का आरोप था कि गुरुगमन बसें बिना परमिट संचालन कर रही हैं, जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है।
इसी शिकायत के बाद विभाग ने सख्ती दिखाते हुए गुरुगमन की बसें रूट से हटा दीं।
यात्रियों की आवाज—सेवा तुरंत बहाल करें
प्रतिदिन गुरुग्राम आने-जाने वाले हजारों यात्री, खासकर महिलाएं, विद्यार्थी और कर्मचारी, सरकार से मांग कर रहे हैं कि गुरुगमन सिटी बस सेवा को फिर से शुरू किया जाए।
उनका कहना है कि यह बसें सस्ती, समय पर और सुविधाजनक थीं, जबकि रोडवेज बसें सभी यात्रियों के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
स्थानीय निवासियों की नाराजगी
स्थानीय लोगों का कहना है कि रोजाना की बढ़ती भीड़ और बसों की कमी से सफर बेहद कठिन हो गया है।
कई यात्रियों को मजबूरन निजी वाहनों और महंगी शेयरिंग कैब्स का सहारा लेना पड़ रहा है।
